The Art Of LivingSpritual Leader Gurudev Sri Sri Ravishankar JiSri Sri Ravi Shankar

आर्ट ऑफ़ लिविंग पूरे भारत के विद्यालय परिसरों को बना रहा है खुशहाल; माइलस्टोन एकेडमी भिलाई और अरपा रिवर वैली इंटरनेशनल स्कूल बिलासपुर में आयोजित होंगे आर्ट ऑफ़ लिविंग के कार्यक्रम

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शिवगढ़ प्रेस – 27 नवंबर, बेंगलुरु: एक ऐतिहासिक पहल में वैश्विक आध्यात्मिक गुरु और मानवतावादी गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर द्वारा स्थापित आर्ट ऑफ लिविंग ने 70 स्कूलों और विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी की है और कई समझौता ज्ञापनों (एम.ओ.यू) पर हस्ताक्षर किए हैं। कार्यक्रम में माइलस्टोन एकेडमी भिलाई और अरपा रिवर वैली इंटरनेशनल स्कूल बिलासपुर भी शामिल हुए।

इस सहयोग का उद्देश्य 178,000 से अधिक छात्रों को सुदर्शन क्रिया और अन्य ध्यान तकनीकों के परिवर्तनकारी श्वास अभ्यास से परिचित कराकर सशक्त बनाना है जो मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक कल्याण और तनावमुक्त वातावरण को बढ़ावा देते हैं।

गुरुदेव ने अपने संबोधन में कहा, “बच्चे जब पैदा होते हैं तब वे खुश रहते हैं लेकिन जब तक वे किशोरावस्था में पहुँचते हैं, तब वे खुश नहीं रह जाते। हमें उनकी खुशी को बनाए रखने के लिए उपकरण और तकनीक देना बहुत महत्त्वपूर्ण है।” गुरुदेव अपने संबोधन में बताते हैं, “मैं दुनिया भर में अक्सर देखता हूँ कि विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के छात्र जबरदस्त तनाव से गुजर रहे हैं। छात्र एक ओर अवसाद से ग्रस्त हो रहे हैं और दूसरी ओर आक्रामक हो रहे हैं।” विद्यालय परिसरों में आत्महत्या से मरने वाले छात्रों की संख्या आसमान छू रही है।

बैंगलोर के आर्ट ऑफ लिविंग अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में गुरुदेव की उपस्थिति में 70 भारतीय शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापनों पर आधिकारिक तौर पर हस्ताक्षर किए गए। यह पहल आर्ट ऑफ लिविंग की नशामुक्त खुशहाल परिसर बनाने और आने वाली पीढ़ियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

बच्चों और युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम

इस समय भारतीय युवाओं में अवसाद की दर 31% से 57% तक पहुँच चुकी है जो बहुत अधिक है । ऐसे में आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम बहुत जरूरी हैं। स्कूली बच्चों के लिए मेधा योग, उत्कर्ष योग और कॉलेज के छात्रों के लिए YES!+(यूथ एम्पोवेर्मेंट एंड स्किल्स) जैसे विशेष रूप से तैयार किए गए कार्यक्रमों को जबरदस्त सराहना मिली है। ये कार्यक्रम छात्रों को तनाव से निपटने, एकाग्रता में सुधार करने, रचनात्मकता बढ़ाने और नेतृत्व करने की क्षमता विकसित करने में मदद करने के लिए श्वास तकनीक, ध्यान और जीवन के कौशल को एकीकृत करते हैं। कार्यक्रम बच्चों और किशोरों में डिजिटल एडिक्शन जैसी चुनौतियों से लड़ने में भी मदद कर रहे हैं।

आर्ट ऑफ लिविंग ने एम्स, आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, एनएलयू, आईआईआईटी जैसे दुनिया भर के प्रतिष्ठित संस्थानों सहित कई अग्रणी विश्वविद्यालयों में ऐसी ही पहल को सफलतापूर्वक लागू किया है। संस्था के कार्यक्रम अमेरिका के 135 से अधिक परिसरों में सक्रिय हैं। इन साझेदारियों के माध्यम से, आर्ट ऑफ लिविंग युवा मन को आकार देने का कार्य कर रहा है और साथ ही शिक्षा प्रणालियों में बढ़ती चुनौतियों का समाधान कर रहा है।

“हमारे सातवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए शुरू किया गया मेधा योग और उत्कर्ष योग कार्यक्रम से बेहतर बदलाव देखा जा रहा है । कई छात्रों ने स्वास्थ्य लाभ, बेहतर सम्बन्ध और मानसिक शांति का अनुभव किया है । यह पहल शैक्षिक संस्थानों के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो रही है,” भारती विद्या भवन हायर सेकेंडरी स्कूल, एरोड की अध्यक्ष अरुणा रामकृष्ण ने साझा किया।

मेयो कॉलेज अजमेर के निदेशक एस.एच. कुलकर्णी ने इसका समर्थन करते हुए कहा, “आर्ट ऑफ लिविंग कार्यशालाओं में सिखाई गई सुदर्शन क्रिया ने छात्रों के जीवन में काफी परिवर्तन किया है । छात्रों ने बेहतर तनाव प्रबंधन, भावनात्मक स्थिरता और उच्च एकाग्रता स्तर की जानकारी दी है। यह शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए आशीर्वाद है।”
शिक्षाविद युवा पीढ़ी के व्यक्तित्व को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे युवा दिमागों को प्रेरित करके उनकी ऊर्जा को सही दिशा में लगा सकते हैं, जो समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है। ये कार्यक्रम विशेष रूप से छात्रों और शिक्षकों की चुनौतियों का समाधान करने के लिए तैयार किए गए हैं।

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर के विषय में

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर एक मानवतावादी, आध्यात्मिक गुरु और शांतिदूत हैं। अपने जीवन और कार्यों के माध्यम से गुरुदेव ने दुनिया भर में लाखों लोगों को तनावमुक्त और हिंसामुक्त दुनिया के अपने दृष्टिकोण से प्रेरित किया है। उन्होंने ऐसे कार्यक्रम डिज़ाइन किए हैं जो एक गहरी और खुशहाल जिंदगी जीने के लिए तकनीकें और उपकरण प्रदान करते हैं। उन्होंने आर्ट ऑफ़ लिविंग तथा इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज जैसी गैर-लाभकारी संगठनों की स्थापना की है जो लिंग, जाति, राष्ट्रीयता और धर्म की सीमाओं से परे मानवता का समर्थन करती
हैं।

आर्ट ऑफ लिविंग के बारे में

43 वर्षों में आर्ट ऑफ लिविंग ने 180 से अधिक देशों में लाखों लोगों को नवाचारी कार्यक्रमों के माध्यम से सशक्त किया है। इसके कार्यक्रम छात्रों, शिक्षकों और संस्थानों के लिए प्राचीन ज्ञान को आधुनिक तकनीकों के साथ मिलाकर ऐसे वातावरण का निर्माण करते हैं जो सीखने और विकास के लिए अनुकूल होते हैं।

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Vaibhav Chandrakar

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