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आर्ट ऑफ लिविंग भिलाई के साधक 13 मई को प. पू. गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी के जन्मदिन के अवसर पर करेंगे साधना , सत्संग और सेवा

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आध्यात्मिक एवं मानवतावादी गुरु श्री श्री रविशंकर जी

शिवगढ़ प्रेस : दुर्ग : भिलाई :- विश्व विख्यात आध्यात्मिक और मानवतावादी गुरु श्री श्री रविशंकर के जन्मदिन के उत्सव पर संस्था की ओर से 13 मई 2023 को शाम 6:30 बजे से भव्य सत्संग का आयोजन गुंडीचा मंटप, सेक्टर 10, सेंट्रल एवेन्यू रोड, भिलाई में किया जा रहा है जिसमें कोई भी शामिल होकर एक आनंदमय सत्संग के साथ ऊर्जा के प्रवाह को अनुभव कर सकते हैं। इसके साथ ही इसी स्थान पर आर्ट ऑफ लिविंग के सदस्यों के लिए मेगा फॉलोअप सुबह 6:30 बजे होगा और सेवा के रुप में सदस्यों के द्वारा शरबत वितरण का कार्यक्रम भी -11:00 बजे से 01:00 बजे तक किया जायेगा।

कौन है आध्यात्मिक और मानवतावादी गुरु श्री श्री रविशंकर जी

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर का जन्म भारत के तमिलनाडु राज्य में 13 मई 1956 को हुआ। उनके पिता का नाम आचार्य रत्नम् था जो भाषाकोविद् थे। उनकी माता श्रीमती विशालाक्षी एक सुशील महिला थीं। आदि शंकराचार्य से प्रेरणा लेते हुए उनके पिता ने उनका नाम रखा ‘रविशंकर’।

श्री श्री रविशंकर की विद्यालय शिक्षा

श्री श्री रविशंकर शुरू से ही आध्यात्मिक प्रवृत्ति के थे। मात्र चार साल की उम्र में वे श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों का पाठ कर लेते थे। बचपन में ही उन्होंने ध्यान करना शुरू कर दिया था। उनके शिष्य बताते हैं कि फीजिक्स में अग्रिम डिग्री उन्होंने 17 वर्ष की आयु में ही ले ली थी।

कैसे जुड़ा उनके नाम के आगे दो बार श्री श्री

श्री श्री रविशंकर ने अपने नाम रविशंकर के आगे ‘श्री श्री’ जोड़ लिया जब प्रख्यात सितार वादक रवि शंकर ने उन पर आरोप लगाया कि वे उनके नाम की कीर्ति का इस्तेमाल कर रहे हैं।

क्या है सुदर्शन क्रिया

श्री श्री रविशंकर जी की सुदर्शन क्रिया के माध्यम से दुनिया भर को एक सूत्र में पिरोने का उनका सद्पयास जारी । सुदर्शन क्रिया के बारे में कहते हैं कि 1982 में दस दिवसीय मौन के दौरान कर्नाटक के भद्रा नदी के तीरे लयबद्ध सांस लेने की क्रिया एक कविता या एक प्रेरणा की तरह उनके जेहन में उत्पन्न हुई। उन्होंने इसे सीखा और दूसरों को सिखाना शुरू किया।

आर्ट ऑफ लिविंग की स्थापना

1982 में में श्री श्री रविशंकर ने आर्ट ऑफ लिविंग फाउण्डेशन की स्थापना की। यह शिक्षा और मानवता के प्रचार प्रसार के लिए देश और दुनिया सेवाएं दे रही है। 1997 में ‘इंटरनेशनल एसोसियेशन फार ह्यूमन वैल्यू’ की स्थापना की जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर उन मूल्यों को फैलाना है जो लोगों को आपस में जोड़ती है।

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Vaibhav Chandrakar

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