शिवगढ़ प्रेस। भिलाई / छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की दुर्ग जिला ईकाई ने सांसद विजय बघेल से उनके सेक्टर 5 निवास में मुलाकात की। इस दौरान संघ की जिला अध्यक्ष श्रीमती गीता बाग के नेतृत्व में सांसद बघेल को दूसरी बार निर्वाचित होने पर बधाई देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय व महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के नाम मांग पत्र का एक ज्ञापन सौंपा गया।
छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ द्वारा सांसद विजय बघेल को सौंपे गए ज्ञापन में कार्यकर्ता को तृतीय श्रेणी कर्मचारी के समकक्ष नियमित वेतनमान, सहायिका को चतुर्थ श्रेणी समकक्ष नियमित वेतनमान, पर्यवेक्षक भर्ती प्रक्रिया शिथिल करते हुए 50 प्रतिशत पद पर कार्यकर्ताओं को वरिष्ठता व योग्यता के आधार पर पदोन्नति, सहायिकाओं को शत-प्रतिशत कार्यकर्ता पद पर पदोन्नति, मिनी आंगनबाड़ी को निःशर्त पूर्ण आंगनबाड़ी का दर्जा देने तक समान काम समान वेतन मानदेय, फ्रेश कार्यकर्ता को कार्यकर्ता के पद पर को समायोजित करने तथा यूनिफार्म के रूप में (साड़ी) की जगह ब्लेजर दिए जाने की मांग रखी गई है।
संघ के प्रतिनिधि मंडल ने सांसद विजय बघेल को बताया कि छत्तीसगढ़ की 1 लाख से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका लगातार अपनी शासकीय कर्मचारी बनाने की मांग को शासन प्रशासन के समक्ष रखते आ रहे हैं। इसके लिए लंबे समय से संघर्ष करते आ रहे हैं। वर्ष 1975 से विगत 47 वर्षों के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं अपने विभागीय कार्यों के साथ-साथ शासन के अन्य विभागों से संबंधित कार्य जैसे जनगणना, निर्वाचन आयोग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पोषण ट्रेकर एवं शासन द्वारा प्रदत्त अन्य सर्वेक्षण कार्य निरंतर करते आ रहे हैं। फिर भी हमारा वर्ग निर्धारित नहीं किया गया है। आज भी हमें समाज सेवक के रूप में देखा जाता है। शासन द्वारा निर्धारित श्रमिकों के न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत निर्धारित दर न्यूनतम वेतनमान भी हमें नहीं मिलता, परंतु कार्य शासकीय कर्मचारियों जैसा लिया जाता हैं।
वर्तमान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 10000 रुपए, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 7,500 एवं आंगनबाड़ी सहायिका को 5000 रुपए मिलने वाला मानदेय वर्तमान महंगाई एवं कार्य के अनुसार बहुत ही कम है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के सम्मान में बहुत सारी योजनाओं की शुरूआत कर सभी महिलाओं का सम्मान बढ़ाया है। लेकिन शासन के अधीन एक ऐसा विभाग जिसमें महिलाओं द्वारा सभी शासकीय विभागों का कार्य किया जाता है, उन्हें न सम्मान जनक ओहदा प्राप्त है, न ही सम्मानजनक मेहनताना मिल पा रहा है। जिससे आंगनबाड़ी में कार्यरत महिलाएं अपने परिवार का जीवन स्तर सुधार सके ।
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