शिवगढ़ प्रेस / दुर्ग :- दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय परिसर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र अंजोरा में कुलपति डॉ. आर.आर.बी. सिंह के मार्गदर्शन एवं निदेशालय विस्तार शिक्षा डॉ.संजय शाक्य की अध्यक्षता में पशुचिकित्सा अधिकारियों एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों के लिए कृषकों की आय बढ़ाने ” उन्नत बकरी प्रबंधन ” विषय पर दो दिवसीय क्षमता विकास कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ.एस.आर.के. सिंह, निदेशक आई.सी.ए.आर. अटारी जबलपुर, कुलसचिव डॉ.आर.के. सोनवणे , उपसंचालक पशुपालन दुर्ग डॉ. एस. पी. सिंह, विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ.दिलीप चौधरी की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति ” डॉ. आर. आर. बी. सिंह” द्वारा सरस्वती पूजा उपरांत कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया। कुलपति जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों के सामाजिक एवं आर्थिक उन्नयन में बकरी पालन विशेष उपयोगी सिद्ध हो सकता है, इस दिशा में विश्वविद्यालय निरंतर प्रयासरत है। उक्त परिचर्चा में पशुचिकित्सकों तक उन्नत बकरी पालन तकनीक की जानकारी होने से अधिक से अधिक बकरी पलकों को फायदा पहुंचेगा ” डॉ.संजय शाक्य ” ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से आधुनिक बकरी पालन के विभिन्न विषयों जैसे नस्ल का चुनाव, अनुवांशिक सुधार, वैज्ञानिक पद्धति से पालन एवं प्रबंधन, बकरियां में कृत्रिम गर्भाधान आदि की नवीनतम तकनीक से प्रशिक्षणार्थियों को अवगत कराया जाएगा।
” डॉ. एस. आर. के सिंह ” ने ऑनलाइन माध्यम से विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अनुसंधान कार्य को राज्य के पशुपालकों को विशेष कर अल्प भूधारक एवं भूमिहीन ग्रामीणों के बीच प्रसारित किए जाने पर बल दिया। ” डॉ. आर. के. सोनवणे ” ने बकरी पालन को कुपोषण दूर करने में सहायक बताया साथ ही बकरी दूध के मूल्य संवर्धन उत्पाद तैयार करने की आवश्यकता बताई। ” डॉ.एस.पी.सिंह ” ने प्रदेश में बकरियां में कृत्रिम गर्भाधान द्वारा नस्ल सुधार की आवश्यकता बताई।
इस अवसर पर कामधेनु प्रसाद दर्पण पत्रिका का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। कार्यक्रम में अतिथि वक्ता डॉ.मुकुल आनंद सह- प्राध्यापक, पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय मथुरा, डॉ. अमित कुमार गुप्ता, डॉ.एम.एस.परमार, डॉ.एस.के.थापक, डॉ.राजकुमार गढ़पायले, डॉ.उमेश कुमार पटेल, श्रीमती सोनिया खलखो, श्रीमती अर्चना खोब्रागढ़े की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. निशा शर्मा एवं डॉ.विकास खुणे कार्यक्रम समन्वय द्वारा आभार प्रेषित किया गया। कार्यक्रम में दुर्ग संभाग के 40 से अधिक पशु चिकित्सा अधिकारी एवं कृषि विज्ञान केंद्र के विषय वस्तु विशेषज्ञों की सहभागिता रही।
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