Dau Vasudev Chandrakar Kamdhenu University AnjoraChhattisgarhKrishi Vigyan kendra Anjora

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित “अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स सम्मेलन” में वर्चुअल सहभागी बना दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय अंजोरा दुर्ग

0

शिवगढ़ प्रेस : दुर्ग : दुर्ग :- कृषि विज्ञान केंद्र, अंजोरा, दुर्ग में 18 मार्च 2023 को “मिलेट्स प्राकृतिक खेती में अवसर” विषय पर प्रशिक्षण एवं नई दिल्ली में आयोजित “अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स सम्मेलन” में वर्चुअल सहभागिता हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम डॉ.(कर्नल) एन.पी. दक्षिणकर कुलपति के मुख्य आतिथ्य एवं डॉ.संजय शाक्य निदेशक विस्तार शिक्षा की विशिष्ट आतिथ्य तथा डा.व्ही.एन.खुणे की अध्यक्षता में दाऊ श्री वासुदेव चन्द्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के उद्बोधन का जीवंत प्रसारण किया गया। इस अवसर पर कुलपति डॉ.दक्षिणकर जी ने कहा कि मेलेट्स को पहले मोटा अनाज या लघु धान्य कहा जाता था। वर्तमान में इनके पोषक तत्वों से समृद्ध होने की जागरूकता के कारण इन्हें श्री अन्न कहा जा रहा है। एशियाई देशों में सबसे ज्यादा भारत में मिलेट्स का उत्पादन होता है, वर्तमान में मिलेट्स की खपत 30% बढ़ गई है। इनकी खेती बहुत कम पानी एवं कम उर्वरता भूमि में की जाती है, साथ ही इसमें खाद एवं कीटनाशकों की आवश्यकता भी कम रहती है। किसानों को मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता है, जिससे उन्हें अधिक आय प्राप्त होगी। कम उपलब्धता के कारण के लघु धान्य अभी महंगा है। यदि उत्पादन बढ़ेगा तब सभी की थाली तक पहुंचेगा। इनको भोजन का अभिभाज्य हिस्सा बनाना चाहिए। मिलेट्स सकारात्मक भोजन है जो स्वास्थ्य और सेहत के लिए आवश्यक है। ग्लूटेन एवं सिलियक की एलर्जी वाले लोग चावल, गेहूं के बदले श्री अन्न को शामिल कर सकते हैं। डॉ.संजय शाक्य ने मिलेट्स को भूमि एवं वातावरण सहिष्णु बताया। मिलेट्स प्रतिकूल जलवायु में भी अच्छे उत्पादन देने में सक्षम होता है । इनके उत्पादन को बढ़ाने एवं प्रसंस्करण तकनीकों के विकास की आवश्यकता पर उन्होंने बल दिया। कार्यक्रम में मिलेट्स की उन्नत शस्य तकनीकों, रोग प्रबंधन एवं खाद्य प्रसंस्करण संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। विभिन्न ग्राम से आए लगभग 80 कृषक, महिलाएं एवं कृषि विभाग के मैदानी अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में विश्वविघालय जनसंपर्क अधिकारी डॉ.दिलीप चौधरी, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ.उमेश पटेल, डॉ.एस.के.थापक, डॉ.रोशन साहू, डॉ.राजकुमार गड़पायले, श्रीमती सोनिया खलखो का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. निशा शर्मा एवं आभार प्रदर्शन डॉ. विकास खुणे कार्यक्रम समन्वयक द्वारा किया गया।

Vaibhav Chandrakar

छत्तीसगढ़ कुर्मी क्षत्रिय समाज भिलाई नगर का 45 वा वार्षिक अधिवेशन सेक्टर 7 कुर्मी भवन में हुआ आयोजित

Previous article

राजनीतिक समीकरण सुलझाने वाले “दाऊजी” बचपन में गणित के सवाल सुलझाने में भी थे काफ़ी तेज़ : स्व. दाऊ वासुदेव चंद्राकर – जीवन वृतांत – 02

Next article

You may also like

Comments

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *