शिवगढ़ प्रेस : दुर्ग : दुर्ग :– जब भी लोग राजनीति की बात करते हैं , साथ में चाणक्य का स्मरण करना नहीं भूलते। वैसे भूले भी क्यों – जौहरी की नजर से परखने वाले चाणक्य ने एक साधारण से बालक को मगध साम्राज्य का सम्राट जो बना दिया , जिसने अपने गुरू चाणक्य की नीति को अपना कर अखंड भारत भूमि पर वर्चस्व कायम किया। अचानक यहां चाणक्य का उल्लेख करना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अविभाजित दुर्ग जिले की राजनीति में भी एक ऐसे ही चाणक्य हुए जिसके परम अनुयाई शिष्य ने अपने गुरू के पदचिन्हों पर चलकर आज छत्तीसगढ़ के साथ साथ, अब देश की राजनिति में भी अपने वर्चस्व को स्थापित कर दिया है। आज उनकी रीति – नीति को देश भर में पार्टी के कद्दावर राजनीतिज्ञों के साथ विपक्षीय पार्टी की से ओर बने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने आप को सराहना करने से नहीं रोक पा रहे है। जी हां हम बात कर रहे अविभाजित दुर्ग ज़िले की राजनिति में चाणक्य कहे जाने वाले नेता और अपनी बुद्धिमता से लगातार 30 वर्षो तक जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग के अध्यक्ष पद पर सुशोभित रहे “स्व. दाऊ वासुदेव चंद्राकर जी” की जो हम सब के बीच ” दाऊजी ” के रुतबे से पहचाने जाते थे और उनके अनेक राजनैतिक शिष्यों में सम्राट अशोक की भांति तेजस्वी निकले छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी का।
26 मार्च को उस महान शख्सियत स्व दाऊ वासुदेव चंद्राकर जी का जन्मदिन है तो आईए जानते स्व. दाऊ जी से जुडे़ कुछ कहे – अनकहे संस्मरणों के बारे में । इस आलेख के माध्यम से आज की वर्तमान युवा पीढ़ी को अपने छत्तीसगढ़ के साथ साथ दुर्ग जिले की राजनीति के गौरवशाली अतीत से अवगत कराया जाना भी आवश्यक है कि आखिर वो कौन थे , जो उनके लिए एक उन्मुक्त छत्तीसगढ़ राज्य छोड़ गए जहां अब सिर्फ उनके हक की ही बात होती है। अब अपने अधिकारों के लिए उन्हें दिल्ली और भोपाल के आगे घुटने टेकने नहीं पड़ते। सूखे खेतों की देख कर माथे पर बल पड़ जाने वाले किसानों का दर्द समझ कर जलाशय का पानी उनके खेतो में किसके हुंकार से पहुचता था । धान के कटोरा वाले इस राज्य में मेहनतकश किसानों की सुविधा को ध्यान में रख कर धान खरीदी की प्रणाली बनाई गई है , वह किनके दिमाग की उपज थी । इसके साथ ही और भी बहुत कुछ राजनैतिक समीकरणों की श्रृंखला । शिवगढ़ प्रेस के इस आलेख के माध्यम से नियमित रूप से दाऊजी के अनन्य सहयोगियों और परिवारजनों के संस्मरण की श्रृंखला होगा , आपके लिए प्रतिदिन ।
यह ” शिवगढ़ प्रेस ” के लिए भी सौभाग्य का विषय है कि हमारे इस ” शिवगढ़ प्रेस ” नाम के न्यूज़ वेब पोर्टल के प्रेरणा स्त्रोत स्व. दाऊ वासुदेव चंद्राकर जी ( फूफाजी) और दाऊ स्व श्री चंदूलाल चंद्राकर जी ( दादा जी ) ही हैं , जिन्होंने आज से ठीक 40 वर्ष पूर्व इसी नाम ” शिवगढ़ प्रेस ” नाम से मीडिया हाउस शुरू करने की तैयारियां कर ली गई थी , जो कि 1995 में स्व दाऊ चंदूलाल चंद्राकर जी के निधन के साथ हमेशा के लिए यह प्रोजेक्ट बंद हो गया।
अब इसी नाम के न्यूज़ वेब पोर्टल ” शिवगढ़ प्रेस ” के माध्यम से दाऊजी जी जुड़े अनेकों स्नेहीजनों के स्मरण का संकलन प्रकाशित किया जाता रहेगा। जिसका उद्देश्य उनकी राजनैतिक कुशलता से अब की युवा पीढ़ी को अवगत कराना है।
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