शिवगढ़ प्रेस : दुर्ग : दुर्ग :- भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने कहा है कि कांग्रेस के युवराज और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के विरुद्ध सूरत कोर्ट द्वारा मोदी सरनेम वालों को चोर बताने वाली टिप्पणी के लिए मानहानि का दोष सिद्ध होने पर 2 वर्ष की सजा के फैसले के परिणामस्वरूप संसद की सदस्यता रद्द किए जाने पर कांग्रेस के लोग जिस तरह का अमर्यादित और अलोकतांत्रिक आचरण कर रहे हैं, उससे सन 1975 के आपातकाल की याद ताजा हो चली है। उन्होंने कहा कि सन 1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शासकीय मशीनरी के दुरुपयोग का दोष सिद्ध होने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के चुनाव को रद्द कर दिया था तब उस समय भी इंदिरा गांधी और कांग्रेस ने न्यायालय का निर्णय मानने के बजाय देश पर आपातकाल थोप दिया था और पूरे देश को जेल बनाकर रख दिया था।
जिला भाजपा अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने कहा कि पिछड़ा वर्ग के अपमान के कारण राहुल गांधी को हुई सजा के चलते संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार उनकी संसद सदस्यता खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के नेता न्यायपालिका और संविधान का सम्मान करने की बजाय छत्तीसगढ़ में आपातकाल के हालात बनाने पर तुले हुए हैं। उन्होंने कहा राहुल गांधी को हुई सजा का सत्य और तथ्य छिपाकर कांग्रेस के लोग अपने बयानों से राजनीतिक विषवमन कर एक ओर तो न्यायालय और संविधान का खुलेआम अपमान करने की धृष्टता कर रहे हैं, दूसरी ओर प्रदेश के राजनीतिक सद्भाव को भी दांव पर लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सामान्य समझ की बात है कि निचली अदालत के फैसले से असहमति के बाद ऊपरी अदालत में अपील की जा सकती है, लेकिन पवन खेड़ा गिरफ्तारी के मामले में 15 मिनट में ऊपरी अदालत पहुंच जाने वाली कांग्रेस ने अब तक ऊपरी अदालत का रुख नहीं किया है। इससे साफ है कि कांग्रेस राहुल गांधी मामले की आड़ में राजनीतिक रोटी सेंकने की बदनीयती का प्रदर्शन कर रही है।
जिला भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से ही कांग्रेसी खुद को न्यायपालिका और संविधान से ऊपर मान कर चलते रहे हैं और अपने इसी सत्तावादी अंधकार के चलते वह न्यायपालिका, संविधान, संवैधानिक पदों और एजेंसियों के साथ-साथ अपने राजनीतिक विरोधियों को अपमानित और प्रताड़ित करना अपना अधिकार मानते हैं। श्री वर्मा ने दो टूक कहा कि कांग्रेस के सभी लोग यह स्पष्ट रूप से समझ लें कि अभी तो संवैधानिक अदालत ने सजा सुनाई है, पिछड़ा वर्ग के अपमान के लिए जनता की अदालत का फैसला आना अभी बाकी है, और यकीनन तब भी कांग्रेस को इसकी करारी सजा मिलेगी।
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