दुर्ग ग्रामीण के बोरीगारका का गांव की बेटी हिषा बघेल की हिम्मत , हौसले सफलता और संघर्ष की ऐसी प्रेरणात्मक रिपोर्ट जो कई बेटियों के आत्मविश्वास को मजबूत कर उनके लिए सफ़लता के मार्ग खोल देगी , शिवगढ़ प्रेस के लिए वैभव चंद्राकर की इस विशेष रिपोर्ट में –
शिवगढ़ प्रेस – दुर्ग l दुर्ग ग्रामीण :- देश सेवा के लिए बचपन से एक जुनून और उस जुनून को पूरा करने के लिए एक मजबूत आत्मविश्वास । उस मजबूत आत्मविश्वास के बीच में कई विपरीत परिस्थितियां । विपरीत परिस्थितियों में माता पिता और स्नेहीजनों की हौसला अफजाई और एक दिन , उस लक्ष्य की प्राप्ति में एक लड़की होने का गौरव और उससे बड़ा सौभाग्य दुर्ग जिले के साथ साथ छत्तीसगढ़ से भी अग्निवीर भर्ती अन्तर्गत नौसेना में डिफेंस के क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड़ने वाली पहली लड़की होने का गौरव । छत्तीसगढ़ के इतिहास में अपना नाम अंकित कराने वाली इस बेटी का नाम है हिषा बघेल । हिषा ने अपने लिए एक ऐसे कार्य क्षेत्र को चुना जिस में लोग अपने बेटों को भी भेजने से कतराते हैं । वहां एक बेटी का चयन हो जाना कई बेटियों के हौसला अफजाई के लिए काफी है ।सफलता के लिए हिसा के संघर्षों में यह भी सौभाग्य जुड़ गया है कि भारतीय नौसेना में अपनी मेहनत और योग्यता के दम पर अभावों के बीच बसे गांव बोरीगारका की सती बघेल व केंसर पीड़ित पिता संतोष बघेल की इस बेटी केवल 19वर्ष की उम्र में ही उपलब्धि हासिल कर छत्तीसगढ़ से भारतीय नौसेना के अग्निवीर की पहले बैच में नेवी SSR में चयनित होकर इतिहास रच गई है । देश सेवा के लिए ऐसा जुनून जिसमें रात देखा ना दिन , नौसेना में चयन होने के बाद अपने सपनों को पर लगा कर आसमानों कि नहीं , समुद्र की गहराइयों में गोते भरने के लिए प्रशिक्षणरत इस बेटी ने देश की शान और अभिमान में न सिर्फ अपने गांव और जिला बल्कि छत्तीसगढ़ की बेटियों को भी गौरान्वित कर दिया है । कोरोना काल के बाद भारतीय नौसेना में पहली बार SSR व MR के पोस्ट के लिए लड़कियों को भी नौसेना में शामिल होने का मौका दिया गया था । इसके अन्तर्गत अपनी मातृभूमि की रक्षा व देशसेवा के लिए मिले इस अवसर को छत्तीसगढ से कुमारी हिषा ने मेरिट बेस में स्टेज 01 को पार किया । जिसके बाद लिखित परीक्षा के लिए विशाखपत्तनम गई , जहां उन्होनें बेहतर प्रदर्शन करते हुए अपने बेहतर फिटनेस की वजह से फिजिकल टेस्ट में क्वालीफाई हो गई और अपने ग्रुप में रनिंग टेस्ट में टॉप पर रही । जिसके चलते कई ऑफिसर ने उनके फिटनेस का सराहना भी की। अब तक SSR में छत्तीसगढ़ से लगभग केवल 5 से 6 लडकियो का ही चयन हुआ है। हिषा की मां सती बघेल ने नौसेना में चयनित होने पर हिषा की उपलब्धि और संघर्षों के बारे में बताया कि हिषा , अपने परिवार के साथ साथ अपने समाज में इस उपलब्धि को हासिल करने वाली पहली लड़की है ।
मेरी बेटी हिषा बचपन से ही बहुत मेहनती रही वह हमेशा मेहनत वाले कार्यों को अपने लिए चुनती थी , इसी वजह से वह देश की रक्षा में जाने का निश्चय किया था। हम लोग मध्यम परिवार से आते हैं और हमारी आर्थिक स्थिति इतनी बेहतर नहीं रही और हिषा के पापा को कैंसर हो जाने की वजह से हम सब को भी बहुत तकलीफ हुई । इन सब मानसिक परेशानियों के बावजूद भी हिषा ने अपनी पढ़ाई को जारी रखा और अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पित रही। मैं अपने स्कूल समय में पढ़ाई और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हमेशा आगे रहती थी इस वजह से हिषा को भी मैंने हमेशा प्रोत्साहित किया था।
हिषा अपने भाई से प्रेरित होकर सुबह से ग्राउंड में प्रैक्टिस के लिए जाती थी और दौड़ में काफी आगे रहती थी इसके लिए हमेशा गांव के लोग भी उनकी तारीफ कर प्रोत्साहित करते थे।मेरे लिए बेटा बेटी में कभी फर्क नहीं रहा बेटा भी देश की सेवा में जाना चाहता है और मैंने बेटी को भी हमेशा प्रोत्साहित किया । देश की सेवा के लिए मेरा परिवार समर्पित है।
हर माता-पिता चाहते हैं कि उनकी बेटी डॉक्टर इंजीनियर शिक्षक बने लेकिन देश सेवा में भेजने के लिए भेदभाव करते हैं । मैं उन्हें कहना चाहूंगी कि बेटा बेटी में फर्क ना करें । हमेशा बराबरी का दर्जा दे और बेटी जिस क्षेत्र में भी आगे बढ़ना चाहती उसे हमेशा प्रोत्साहित करें।
कक्षा 12वी में गणित विषय से 96% के साथ सरकारी विद्यालय से प्रथम स्थान प्राप्त कर , वर्तमान में उतई के दानवीर तुलाराम कॉलेज में Bsc कंप्यूटर साइंस में प्रथम वर्ष की अध्ययनरत हिषा के बारे में उनके प्राथमिक विद्यालय की शिक्षक प्रेम लाल साहू ने बताया कि –
हिषा शुरू से ही प्रतिभावान रही है विद्यालय में संस्कृति स्पोर्ट्स अपनी पढ़ाई में हमेशा अव्वल रही है । उसमें बचपन से देश प्रेम की भावना काफी प्रबल थी इसलिए उन्होंने देश सेवा में जाने के लिए सोचा और उनकी स्वयं की मेहनत और लगन से उनका चयन हो गया।
गांव की बेटी हिषा बघेल के चयनित होने पर खुशी जाहिर करते हुए सरपंच गुंजेश्वरी साहू ने कहा कि – हमारे गांव की बेटी का नौसेना में सिलेक्शन होना पूरे गांव के लिए सौभाग्य की बात है और जब भी अपनी ट्रेनिंग पूरी कर गांव में लौटेंगे पूरा गांव बेटी के स्वागत के लिए उमड़ेगा।
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