शिवगढ़ प्रेस /उतई/दुर्ग: दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोड़िया निवासी एवं भारतीय सेना के 19 महार रेजीमेंट के वीर जवान लांस हवलदार उमेश कुमार साहू लेह- लद्दाख के बर्फीली पहाड़ी क्षेत्र पर मां भारती की रक्षा करते हुए 19 अक्टूबर 2024 को देर शाम शहीद हो गए। इनका पार्थिव शरीर 21 अक्टूबर 2024 दिन सोमवार को सुबह 8.30 बजे निज ग्राम कोड़िया लाया जाएगा एवं सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
ग्रामीणों ने बताया शहीद उमेश कुमार साहू मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं। कुछ वर्षों में ही अपने बड़े भाई, अपनी मां को खोने के बाद बीते जून माह में अपने छोटे भाई को खोया था। भाई का दशगात्र कार्यक्रम निपटाने के बाद ड्यूटी में वापस जाने वाला था लेकिन घर में अधेड़ पिता के ज्यादा तबियत खराब होने से उसको छुट्टी बढ़ानी पड़ी। पिताजी का इलाज कराकर 30 अगस्त को फिर से ड्यूटी के लिए लौटा था और लेह-लद्दाख में अपने देश की सुरक्षा करते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया। अब उनके घर में अस्वस्थ एवं आश्रित अधेड़ पिता, पत्नी और छोटे बच्चे ही हैं जिनकी जिम्मेदारी शहीद उमेश ही निभा रहे थे।
शहीद उमेश साहू की पत्नी ने बताया ड्यूटी में वापस लौटने के बाद रोज बात होती थी। घटना के पहले रात भी बात की थी तब वो पूरा स्वस्थ थे। शनिवार को दोपहर 3.30 बजे आर्मी के अधिकारी घर आकर बताए कि अभी कुछ अस्वस्थ है जिसका इलाज चल रहा है। शाम 7 बजे स्थिति गंभीर बताई और रात 9 बजे शहीद होने की सूचना मिली।
शहीद उमेश साहू के मामा ने बताया कि इन्होंने ही कोटा साथ जाकर 22 सितम्बर 2009 में ड्यूटी जॉइन कराया था। उसकी ट्रेनिग सागर में फिर जम्मू के अनंतनाग, हिमांचल प्रदेश, ग्वालियर एमपी, मेघालय के बाद फिर से अभी लेह में ड्यूटी कर रहा था। उसके दो संतान है जिसमें 6 साल की बेटी और 3 साल का बेटा है। 2016 में उरी हमले के दौरान भी स्पॉट में मौजूद था लेकिन केंटीन में होने के कारण बचने की सूचना घरवालों को दिया था।
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