शिवगढ़ प्रेस : दुर्ग , दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.आर.आर.बी. सिंह के मार्गदर्शन एवं कुलसचिव डॉ.आर.के. सोनवणे के नेतृत्व में विश्वविद्यालय पुस्तकालय द्वारा 4 अक्टूबर 2024 को यूजेस ऑफ जे-गेट सेरा एण्ड ई-रिसोर्सेस विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति डॉ.आर.आर.बी.सिंह ने दीप प्रज्जवलन कर इस कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का युग टेक्नोलॉजी का युग है। सेरा शोध पत्रिकाओं का एक ऐसा डेटाबेस है जिसके माध्यम से आप शोध आलेखों को आसानी से पढ़ सकते हैं। इसके माध्यम से कृषि, जैव चिकित्सा विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, सामाजिक और प्रबंधन विज्ञान से संबंधित आलेखो, पुस्तकों और शोध पत्रिकाओं को पढ़कर अपनी शोध कार्यों को और अधिक परिमार्जित कर सकते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय पुस्तकालय में उपलब्ध संसाधनों एवं पाठकों को दी जाने वाली सेवाओं की भूरी-भूरी प्रसन्नता करते हुए इस कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी।
कार्यशाला में इनफॉर्मेटिक्स बेंगलुरु के प्रशिक्षक महेंद्र नाथ सरकार ने पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से सेरा की उपयोगिता, सेरा के माध्यम से शोध आलेखों, ई-जर्नल्स, ई-बुक्स को कैसे एक्सेस किया जा सकता आदि से अवगत कराया। सेरा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की, भारत के समस्त कृषि, मात्स्यिकी, उद्यानिकी विद्यालयों को दी जाने वाली एक प्रकार की लर्निंग पोर्टल सुविधा है जिसमें आप विश्वविद्यालय के बाहर से भी ई-जर्नल्स, ई बुक्स को पढ़ तथा डाउनलोड कर सकते हैं।
आयोजन सचिव डॉ. दिलीप चौधरी ने सेरा पोर्टल के माध्यम से पाठकों को दी जाने वाली सुविधाओं की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए कहा कि यह कार्यशाला आपके व्यावहारिक एवं प्रायोगिक ज्ञान में सहायक है। सेरा ऑनलाइन पोर्टल में उन सभी शोध आलेखों, पत्रिकाओं का अध्ययन कर सकते हैं जो आपके स्थानीय पुस्तकालय में उपलब्ध नहीं होते हैं। जे-गेट सेरा यूजर्स को लेखक के नाम, की-वर्ड आदि के द्वारा भी जनर्ल्स को खोजने की सुविधा प्रदान करता है। इस कार्यशाला में 67 प्रतिभागियों की सहभागिता रही।
इस कार्यशाला के सफल आयोजन में सह-आयोजक डॉ.ओ.पी.दीनानी, डॉ. केसर परवीन, डॉ.शिवेश देशमुख, इंजीनियर संकल्प बहादुर सिंह, प्राध्यापकगण तथा अध्यनरत छात्र-छात्राओं की सहभागिता रही। कार्यक्रम का संचालन डॉ. केसर परवीन तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ.ओ.पी. दीनानी द्वारा किया गया।
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